विद्या जी मेरे लिए इंस्पिरेशन हैं उनके साथ काम करके मेरा सपना पूरा हो गया- सान्या मल्होत्रा

बॉलीवुड डेस्क.सान्या मल्होत्रा भी उन कलाकारों में से एक हैं जो कोरोना के इस माहौल में खुद को आइसोलेट कर चुकी हैं। ऐसे समय में वे क्या कर रही हैं और उनकी किस फिल्म की शूटिंग बंद हुई है इस पर उनसे फोन पर हुई खास चर्चा। सान्या कहती हैं- मेरा मूड भी अगर ऑफ रहता है तो उनके सोशल मीडिया पोस्ट पढ़कर दिल खुश हो जाता है। विद्या के बारे में सच कहूं तो वह हमेशा जिंदगी के जो सकारात्मक पहलुओं पर फोकस करती हैं। हाल ही में मैंने विद्या मैम की एक सोशल मीडिया पोस्ट देखी। जिसमें उन्होंने जानकारी दी थी कि इस भयावह माहौल में इतने सारे लोगों का ट्रीटमेंट हुआ और वे सही भी हुए हैं। यह पढ़कर तो मेरा पूरा दिन ही बन गया था। सान्या ने यह भी बताया -

कोरोना के दिनों में किस तरीके के एहतियात बरत रही हैं?

शूटिंग बंद होने की एडवाइजरी के पहले ही मेरी कई फिल्मों की शूटिंग पूरी हो चुकी थी। पहले कुछ दिन तो यह जानकारी जुटाने में ही चले गए कि आखिरकार हमें किस तरह की सावधानियां रखनी चाहिए। बस इतना ही कहूंगी कि नेगेटिव के बजाय पॉजिटिव न्यूज पर ध्यान दें। बाकी मैंने इस समय का सदुपयोग करने के लिए एक ऑनलाइन फिल्म मेकिंग का कोर्स जॉइन कर लिया है।

बंदी से पहले कौन सी फिल्मों की शूटिंग हो रही थी?

‘शकुंतला देवी’ की शूटिंग चल रही थी। इसके एक-दो शेड्यूल पूरे होने के बाद फिर हमने लूडो का पैच वर्क शूट किया। ‘पगलेट’ की शूटिंग लखनऊ में शुरू हुई थी। पिछले 8 महीनों से ये सब ही चल रहा था।

‘शकुंतला देवी’ में विद्या संग काम का एक्सपीरियंस कैसा रहा?

विद्या मैम के साथ काम करना मेरा सपना था। वह मेरे लिए इंस्पिरेशन हैं। उन्होंने सेट पर मुझे बहुत कंफर्टेबल फील करवाया। हमने साथ में सेट पर ही बहुत सारी रीडिंग्स कीं। मुझे जहां कहीं डाउट होता था तो वह मुझे सही क्या है वह बताया करती थीं। विद्या मैम को पता है कि एक्टिंग में सिर्फ एक्ट करना नहीं है बल्कि सामने वाले का रिएक्शन मिलना भी उतना ही जरूरी होता है।

आप फिल्म ‘लूडो’ के बारे में कितना बता सकती हैं?

अभी तो इतना ही बता सकती हूं कि लूडो मेरा फेवरेट गेम है। मेरे मामा जब भी मुंबई आते हैं तो हम रात में 2 घंटे लूडो खेलते ही हैं। मेरी फिल्म ‘लूडो’ एक डार्क एंथोलॉजी है। इसे अनुराग बासु ने डायरेक्ट किया है। इसमें मेरे साथ साथ अभिषेक बच्चन, राजकुमार राव, फातिमा आदित्य रॉय कपूर और पंकज त्रिपाठी जैसे बेहतरीन एक्टर हैं। बाकी सिर्फ अनुराग बासु सर को फिल्म के बारे में कुछ कहने की इजाजत है। वह इस फिल्म के कर्ता-धर्ता हैं सही टाइम पर वह जरूर इस बारे में भी बताएंगे।

‘लूडो’ में अपने किरदार के लिए आपने क्या खास तैयारी की?

सच कहूं तो मैं सेट पर बिना कुछ सोचे जाती थी और यह अनुराग बसु सर का तरीका भी रहा है कि वह स्क्रिप्ट आमतौर पर कम ही देते हैं। अपने एक्टर्स को वह सेट पर ही काफी कुछ बताते हैं कि क्या कैरेक्टर है। उसे कैसे प्ले करना है। मैंने ऐसा ही किया। बस सेट पर जाती थी और डायरेक्टर जो कहते थे वहीं करती थी। बतौर एक्टर जब मैं मूवी देखूंगी तो मैं एक्टर की तरह नहीं बल्कि ऑडियंस की तरह से देखूंगी।

विद्या की कौन सी खूबी आपको बहुत पसंद आई?

उनकी हंसी। वह इतनी खुश रहती हैं कि उनको देखकरआसपास के लोग भी खुश रहने की आदत डाल लें। वह हर चीज में खुश रहती हैं। खूब बातें करती हैं। उनका एक डायलॉग तो अब खैर तकिया कलाम बन चुका है- एंटरटेनमेंट... एंटरटेनमेंट... एंटरटेनमेंट।



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Sanya Malhotra sharing her experience on Vidya balan


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